जब मैं छोटा बच्चा था
मेरी हाथो बहन की खून लगी
बेहेन को पूछा क्या हुवा तुम्हे
वो शर्म के मारे रोने लगी
मुझे बहुत जिज्ञासा हुवी
क्यों वो इतना रोने लगी
जिसको मैं एक तपड्ड भी मारू अगर
तोह मम्मी मुझे दो मार देती
तोह आज उस खून को देख क्यों कुछ नहीं करती
और उल्टा मुझे उससे दूर होने को कहती
अन्दर ही अन्दर मैं बौरा गया
यह कोनसा पाबन्दी लगायी है
दर्द मेरी बहन को हुवी
तोह मुझे उस से दुर् करने की
यह कोनसा नई तरकीब
इन्होंने लगाई है
मै भी सोचु, उसने तोह सारे होम वर्क भी की थी
उसने न उस दिन कुछ गलत किया
फिर भी मम्मी ने क्यों उसे सजा दिया
कुछ देर बाद जब मैं रोने लगा
खून खून चिलाने लगा तब जाके
मुझे मम्मी ने समझाया था
जो पाठ टीचर ने 8वी में नहीं पढ़ाया था
उस्सको घरवालो ने बिना स्कीप किये
बहुत अच्छे से मुझे बतलाया था
मानव शरीर की भव्य प्राकृतिक प्रक्रिया के बारे
में मैंने पहली बार ज्ञान पाया था
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Student at NIT PATNA